कासीफल (कद्दू) की खेती एक लाभदायक कृषि व्यवसाय है। इसे सफलतापूर्वक करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
#बुवाई का समय:
1.ग्रीष्मकालीन फसल:** फरवरी-मार्च
2.खरीफ फसल:** जून-जुलाई
3.रबी फसल:** अक्टूबर-नवंबर
#मिट्टी की तैयारी:
1.भूमि का चयन:** कद्दू की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। पानी निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।
2.जुताई:** खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करें और पाटा लगाकर मिट्टी को भुरभुरी बनाएं।
3.सार (उर्वरक):** प्रति हेक्टेयर 10-15 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें। इसके अलावा, NPK (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम) उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करें।
#बीज बुवाई:
1.बीज की तैयारी:** बुवाई से पहले बीज को 24 घंटे पानी में भिगोकर रखें। इससे बीज जल्दी अंकुरित होंगे।
2.बुवाई का तरीका:** बीजों को 2-3 सेंटीमीटर गहरा बोएं और बीजों के बीच 1-1.5 मीटर की दूरी रखें। पौधों के बीच की दूरी 2-2.5 मीटर रखें।
#सिंचाई:
1.पहली सिंचाई:** बुवाई के तुरंत बाद।
2.अन्य सिंचाई:** 7-10 दिनों के अंतराल पर करें। गर्मी के मौसम में सिंचाई की आवृत्ति बढ़ा दें।
#देखभाल:
1.निराई-गुड़ाई:** खेत में निराई-गुड़ाई करें ताकि खरपतवार न पनपें।
2.रोग और कीट नियंत्रण:** कद्दू के पौधों पर लगने वाले कीट और रोगों से बचाव के लिए समय-समय पर जैविक या रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करें।
3.फसल की सुरक्षा:** कद्दू के पौधों को पाले और अत्यधिक ठंड से बचाएं।
#कटाई:
1.फसल की पकने का समय:** कद्दू की फसल 90-120 दिनों में तैयार हो जाती है।
2.कटाई का तरीका:** कद्दू के फलों को पके होने पर हाथ से काटें। पके फलों का रंग बदल जाता है और वे ठोस और भारी हो जाते हैं।
#भंडारण:
1. सुखाना:** कद्दू को अच्छी तरह सुखाएं ताकि नमी न रहे।
2. भंडारण:** सूखे कद्दू को साफ और सूखे स्थान पर रखकर भंडारित करें।
इन सरल चरणों का पालन करके आप कद्दू की खेती को सफलतापूर्वक कर सकते हैं।