टमाटर की खेती भारत में साल भर की जा सकती है, लेकिन मुख्यत: इसे दो मौसमों में किया जाता है:
- खरीफ (गर्मी) का मौसम: इसकी बुवाई जून-जुलाई में की जाती है और फसल सितंबर-अक्टूबर में तैयार हो जाती है।
- रबी (सर्दी) का मौसम: इसकी बुवाई अक्टूबर-नवंबर में की जाती है और फसल जनवरी-फरवरी में तैयार हो जाती है।
टमाटर की खेती का तरीका:
- भूमि का चयन और तैयारी:
- अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी, जिसका pH 6-7 के बीच हो, टमाटर की खेती के लिए उत्तम मानी जाती है।
- खेत को अच्छे से जोतकर, पाटा लगाकर समतल कर लें।
- बीज की बुवाई:
- बीज को नर्सरी में तैयार करें। नर्सरी के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें।
- बीजों को 1-2 सेंटीमीटर गहरे बोएं और हल्की मिट्टी डालकर ढक दें।
- पौधों की रोपाई:
- 25-30 दिनों बाद जब पौधे 4-5 पत्तियों वाले हो जाएं तो इन्हें मुख्य खेत में रोप दें।
- पौधों की दूरी पंक्ति से पंक्ति 60-75 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 30-45 सेंटीमीटर रखें।
- सिंचाई और खाद:
- खेत में उचित नमी बनाए रखने के लिए नियमित सिंचाई करें। गर्मी के मौसम में हर 4-5 दिन और सर्दी के मौसम में हर 10-12 दिन पर सिंचाई करें।
- संतुलित खाद और उर्वरक का प्रयोग करें। गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट का उपयोग पौधों के लिए लाभकारी होता है।
- रोग और कीट नियंत्रण:
- टमाटर के पौधों पर समय-समय पर रोग और कीटों का निरीक्षण करें।
- उचित कीटनाशक और फफूंदनाशक का उपयोग करें।
- फसल की तुड़ाई:
- जब फल पूरी तरह से पके और लाल हो जाएं तो उन्हें सावधानीपूर्वक तोड़ें।
- तुड़ाई के बाद फलों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें और फिर बाजार में बिक्री के लिए तैयार करें।
इन उपायों का पालन करके आप अच्छी गुणवत्ता और अधिक मात्रा में टमाटर की फसल प्राप्त कर सकते हैं।