Satya Mev jayte #grains गेहूं की फसल कब बोई जाती है और कब काटी जाती है

गेहूं की फसल कब बोई जाती है और कब काटी जाती है

गेहूं की फसल कब बोई जाती है और कब काटी जाती है

गाहू (गेहूं) की फसल की खेती का सही समय और तरीके जानना बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ गेहूं की फसल की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है:

1. भूमि का चयन और तैयारी

  • भूमि का चयन: गेहूं की फसल के लिए अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी सबसे अच्छी रहती है। बलुई या बलुई-मैटरी मिट्टी, जिसमें मिट्टी का pH 6.0 से 7.0 के बीच हो, सर्वोत्तम होती है।
  • भूमि की तैयारी: खेत को अच्छे से जुताई करें और उसे समतल बनाएं। यदि मिट्टी में खर-पतवार या पिछली फसल के अवशेष हैं, तो उन्हें हटाना चाहिए। खेत की जुताई के बाद उसे 2-3 बार हल्की जुताई और तंग करना चाहिए।

2. बीज चयन और बुवाई

  • बीज का चयन: उच्च गुणवत्ता वाले और रोग प्रतिरोधक बीज का चयन करें। स्थानीय जलवायु और मिट्टी के अनुसार उपयुक्त किस्म का चयन करें।
  • बीज दर: प्रति हेक्टेयर लगभग 100-125 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
  • बुवाई का समय: गेहूं की बुवाई आमतौर पर अक्टूबर से दिसंबर के बीच की जाती है। यह मौसम की स्थिति पर निर्भर करता है। ठंडे क्षेत्रों में बुवाई अक्टूबर-नवंबर में की जाती है, जबकि गर्म क्षेत्रों में नवम्बर-दिसम्बर में।

3. खाद और उर्वरक

  • रासायनिक उर्वरक:
  • नाइट्रोजन (N): 50-60 किलोग्राम/हेक्टेयर
  • फास्फोरस (P): 40-50 किलोग्राम/हेक्टेयर
  • पोटाश (K): 20-30 किलोग्राम/हेक्टेयर
  • कृषि अवशेषों की खाद: कम्पोस्ट या गोबर की खाद का प्रयोग भी लाभकारी हो सकता है।

4. सिंचाई

  • सिंचाई की आवश्यकता: गेहूं की फसल को सामान्यतः 3-4 सिंचाई की आवश्यकता होती है। पहली सिंचाई बुवाई के 20-25 दिन बाद, दूसरी सिंचाई 45-50 दिन बाद और तीसरी सिंचाई फूलने के समय की जाती है।
  • सिंचाई विधि: ड्रिप सिंचाई या नहर सिंचाई का उपयोग किया जा सकता है।

5. खर-पतवार और रोग नियंत्रण

  • खर-पतवार नियंत्रण: खर-पतवारों को नियंत्रित करने के लिए खेत में खर-पतवार नाशक दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।
  • रोग नियंत्रण: सामान्य रोगों में जंग (rust) और पाउडर मिल्ड्यू (powdery mildew) शामिल हैं। इनसे बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक बीज और सही समय पर दवाओं का उपयोग करें।

6. फसल की कटाई

  • कटाई का समय: गेहूं की फसल की कटाई जब पूरी तरह से पक जाए और दानों की नमी 12-14% हो, तब की जाती है। आमतौर पर, यह समय मार्च-अप्रैल के बीच होता है।
  • कटाई विधि: कटाई के बाद गेहूं को अच्छे से सुखाना चाहिए, ताकि बीज की गुणवत्ता बनी रहे।

7. संग्रहण

  • बीज की सफाई और सुखाना: कटाई के बाद बीज को अच्छे से सूखा लें और उसे साफ करके संग्रहित करें। बीज को नमी से बचाकर ठंडी और सूखी जगह पर रखें।

इन कदमों को ध्यान में रखकर आप गेहूं की फसल की अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपके पास विशेष परिस्थितियाँ हैं या किसी क्षेत्रीय विशेषता की जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं!

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