१. लाखों सदमें, ढेरों ग़म…फिर भी नहीं हें, आँखें नम….. … क्या पत्थर के, हो गये हम…..यूं पलकों पे, हैं आँसू….. जैसे फूलों पे शबनम…..हम उस जंगल में हें जहाँ… धूप ज़्यादा, साये कम…..अब ज़ख्मों में ताब नहीं…. अब क्यूँ लाए हो मरहम…..
२.जिसे गुज़ार गये हम इक बड़े हुनर की साथ…
वो ज़िन्दगी थी हमारी, हुनर ना था कोई….
अज़ीब होते हें आदाब ए रुख़सत मेहफ़िल…..
कि उठ के वो भी चला, जिसका घर ना था कोई…..
३. हर नई शाम सुहानी तो नहीं होती हैं…
हर उम्र जवानी तो नहीं होती हैं…
तुमने एहसान किया था तो जताया तुमने…
जो मोहब्बत हो, जतानी तो नहीं होती हैं….
दोस्तों सच कहो कब दिल को क़रार आयेगा…
हर घड़ी, हर तन्हाई तो नहीं होती हैं…
दिल में जो आग लगी हें वो लगी रेहने दे…
यार हर आग़ बुझानी तो नहीं होती हैं….
मोज़ होती हें कहीं, और भँवर होते हैं…
सिर्फ दारियां में रवानी तो नहीं होती हैं….
४. शुक्र किया हें इन पेड़ों ने, सब्र की आदत डाली हैं….
इस मंज़र को ग़ौर से देखों, बारिश होने वाली हैं….
सोचा ये था वक़्त मिला तो, टूटी चीज़े जोड़ेंगे….
अब कोने में ढेर लगा हें, बाकी कमरा खाली हैं…
बैठे बैठे फ़ेक दिया हें, आतिशदान में क्या क्या कुछ….
मौसम इतना सर्द नहीं था, जितनी आग़ जलाली हैं….
देर से बंद पड़ा दरवाज़ा, इक दीवार ही लगता था…..
इस पर इक खुले दरवाज़े की, तस्वीर लगा ली हैं…
हर हसरत पर इक गिरह सी, पड़ जाती थी सीने में….
रफ़्ता रफ़्ता सब ने मिलकर, दिल की शक्ल बना ली हैं…
इक कमरा सायों से भरा हें, इक कमरा आवाज़ों से…
आँगन में कुछ ख़्वाब पड़े हैं,
वैसे ये घर खाली हैं….
५. किसी दिन जिंदगानी में करिश्मा क्यूँ नहीं होता….
मैं हर दिन जाग तो जाता हूँ, ज़िंदा क्यूँ नहीं होता….
मेरी ज़िन्दगी के कितने हिस्सेदार हैं लेकिन…
किसी की ज़िन्दगी में मेरा हिस्सा क्यूँ नहीं होता….
६. शाम ए ग़म, तुझसे जो डर जाते हैं…
शब (रात) गुज़र जाए तो घर जाते हैं….
याद करते नहीं जिस दिन तुझे हम…
अपनी नज़रों ही से उतर जाते हैं….
वक़्त से पूछ रहा हें कोई…
ज़ख्म क्या वाकई भर जाते हैं…..
ज़िन्दगी तेरे ताक़्क़ुब (पीछे पीछे ) में हम….
इतना चलते हें कि मर जाते हैं…..
७. कुछ नहीं बदला, दीवाने थे दीवाने ही रहे…
हम नये शेहरों में रेह कर भी पुराने रहे….
ए परिंदों हिज़रतें(दूसरे देश में जाना) करने में क्या हासिल हुआ…
चोंच में थे चार दाने, चार दाने ही रहे……
{सात दिन की सात। जिंदगी में सातों दिन एक जैसे नहीं होते। कृपया बताएं कि उपरोक्त में कौन सी शायरी आपकी सवाल का उचित जवाब है?
गुमनाम शायरों को नमन}