स्वीट कॉर्न की खेती (Sweet Corn Cultivation) कब और कैसे करें – विस्तृत जानकारी
परिचय:
स्वीट कॉर्न (Sweet Corn) मक्का की एक विशेष किस्म है, जिसे मीठे दानों के लिए उगाया जाता है। इसे ताजे रूप में सब्जी के रूप में, स्नैक्स के रूप में और कई प्रकार के व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। इसका स्वाद सामान्य मक्का से मीठा होता है और इसमें शर्करा की अधिक मात्रा होती है।
जलवायु और मिट्टी:
- जलवायु: स्वीट कॉर्न के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। इसका आदर्श तापमान 20°C से 30°C के बीच होता है। अधिक ठंडा या बहुत गर्म तापमान स्वीट कॉर्न की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।
- मिट्टी: स्वीट कॉर्न के लिए उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का pH 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए। मिट्टी में जैविक पदार्थ की अधिक मात्रा से फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
बुवाई का समय:
- खरीफ मौसम: स्वीट कॉर्न की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय जून से जुलाई के बीच होता है, जब मानसून की शुरुआत होती है।
- रबी मौसम: अक्टूबर से नवंबर के बीच बुवाई की जा सकती है, लेकिन इस मौसम में सिंचाई की व्यवस्था आवश्यक होती है।
- ग्रीष्मकालीन बुवाई: फरवरी से मार्च के बीच भी स्वीट कॉर्न की बुवाई की जा सकती है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां सिंचाई की सुविधा हो।
बीज और बुवाई:
- बीज की मात्रा: स्वीट कॉर्न के लिए 10-15 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है।
- बीज की दूरी: पौधों के बीच 20-25 सेमी और पंक्तियों के बीच 60-75 सेमी की दूरी रखी जाती है। बीजों को 3-5 सेमी की गहराई पर बोया जाता है।
- बुवाई की विधि: स्वीट कॉर्न की बुवाई सीधी पंक्तियों में की जाती है। पंक्तियों के बीच पर्याप्त दूरी रखने से निराई-गुड़ाई और सिंचाई में आसानी होती है।
सिंचाई:
- पहली सिंचाई: बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें। यदि बारिश हो रही हो, तो सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती।
- दूसरी सिंचाई: अंकुरण के 15-20 दिनों बाद करें। इसके बाद, 2-3 सप्ताह के अंतराल पर सिंचाई करें।
- सिंचाई की आवश्यकता: स्वीट कॉर्न की फसल को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है, खासकर जब दाने भरने की अवस्था में हो।
उर्वरक:
- जैविक खाद: बुवाई से पहले खेत में 10-15 टन सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें।
- रासायनिक उर्वरक: 100-120 किग्रा नाइट्रोजन, 60-80 किग्रा फॉस्फोरस, और 40-60 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। नाइट्रोजन की मात्रा को तीन हिस्सों में विभाजित करें: पहला हिस्सा बुवाई के समय, दूसरा हिस्सा पहली निराई के बाद, और तीसरा हिस्सा दूसरी निराई के बाद डालें।
निराई-गुड़ाई:
- निराई-गुड़ाई: स्वीट कॉर्न की फसल में 2-3 बार निराई-गुड़ाई की आवश्यकता होती है। पहली निराई बुवाई के 20-25 दिनों बाद करें, और दूसरी निराई 40-45 दिनों बाद करें। इससे खरपतवार नियंत्रित होते हैं और फसल में वृद्धि होती है।
रोग और कीट प्रबंधन:
- रोग: स्वीट कॉर्न में प्रमुख रूप से ब्लाइट, रस्ट, और फ्यूजेरियम विल्ट जैसे रोग हो सकते हैं। इनसे बचाव के लिए फफूंदनाशक का छिड़काव करें।
- कीट: फॉल आर्मीवर्म, स्टेम बोरर, और कटवर्म जैसे कीट स्वीट कॉर्न की फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनसे बचाव के लिए जैविक या रासायनिक कीटनाशक का सही तरीके से उपयोग करें।
कटाई:
- कटाई का समय: स्वीट कॉर्न की फसल बुवाई के 70-90 दिनों बाद तैयार हो जाती है। जब दाने दूधिया अवस्था में हों और नरम हों, तब उन्हें तोड़ा जाता है।
- कटाई की विधि: मक्का की बालियों को हाथ से तोड़ा जाता है। ध्यान रखें कि दाने पकने से पहले ही उन्हें तोड़ा जाए, ताकि मिठास बनी रहे।
उपज:
- उपज: स्वीट कॉर्न की औसत उपज 80-100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है। अच्छी देखभाल और सिंचाई के साथ उपज में वृद्धि हो सकती है।
बाजार में बिक्री:
- स्वीट कॉर्न की कटाई के बाद इसे तुरंत बाजार में भेजें, ताकि ताजगी बनाए रखी जा सके।
- स्वीट कॉर्न को ताजे रूप में, प्रोसेसिंग के लिए, और विभिन्न प्रकार के उत्पादों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे किसान को अच्छी कीमत प्राप्त हो सकती है।
स्वीट कॉर्न की खेती में सही समय पर बुवाई, उचित सिंचाई, उर्वरक प्रबंधन, और रोग/कीट नियंत्रण से बेहतर फसल प्राप्त की जा सकती है। स्वीट कॉर्न किसानों के लिए एक लाभकारी फसल साबित हो सकती है, क्योंकि इसका बाजार मूल्य सामान्य मक्का से अधिक होता है और इसे लोग पसंद भी करते हैं।