मूंगफली हिन्दी नाम (Groundnut/Peanut) अंग्रेजी नाम है यह एक जमीन के नीचे होने वाली फसल है, जो कि अत्यधिक पैदावार देती है। इसे करने के लिए थोड़ी जानकारी की जरूरत होती है। जो की हम इस पोस्ट मे देने जा रहे है।
मूंगफली की फसल की जानकारी निम्नलिखित है:
मूंगफली (Groundnut/Peanut)
परिचय
मूंगफली एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है, जो खाने के तेल और प्रोटीन के प्रमुख स्रोतों में से एक है। इसे मुख्य रूप से गर्मियों और खरीफ के मौसम में उगाया जाता है।
जलवायु
- तापमान: मूंगफली की अच्छी उपज के लिए 20-30°C तापमान उपयुक्त होता है।
- वर्षा: 500-600 मिमी वार्षिक वर्षा इसकी खेती के लिए पर्याप्त है। अत्यधिक वर्षा मूंगफली की फसल के लिए हानिकारक हो सकती है।
मिट्टी - मिट्टी का प्रकार: हल्की बलुई और दोमट मिट्टी मूंगफली की खेती के लिए उत्तम होती है।
- pH स्तर: 6.0 से 7.5 pH स्तर वाली मिट्टी सर्वोत्तम होती है। बुवाई
- समय:
- खरीफ मौसम: जून से जुलाई (मानसून की शुरुआत के साथ)
- रबी मौसम: अक्टूबर से नवंबर (जहां सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो)
- बीज दर: 80-100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।
- बीज की दूरी: कतार से कतार की दूरी 30-45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेंटीमीटर होनी चाहिए। उर्वरक
- नाइट्रोजन: 20-30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।
- फॉस्फोरस: 40-60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर।
- पोटाश: 40-50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर। सिंचाई
- मूंगफली की फसल को 4-5 सिंचाइयों की आवश्यकता होती है:
- पहली सिंचाई: बुवाई के 30-35 दिनों बाद।
- दूसरी सिंचाई: फूल आने के समय।
- तीसरी सिंचाई: फलियां बनने के समय।
- चौथी सिंचाई: आवश्यकतानुसार।
रोग और कीट नियंत्रण
- रोग: उखटा, तना सड़न, झुलसा।
- कीट: सफेद मक्खी, थ्रिप्स, जेठी।
कटाई
- समय: बुवाई के 120-130 दिनों बाद, जब पौधों के पत्ते पीले हो जाएं और फली आसानी से हाथ से टूटने लगे।
- पौधों को उखाड़कर: 2-3 दिनों के लिए धूप में सुखाया जाता है, ताकि नमी कम हो सके और फली आसानी से अलग हो सके। उपज
- उपज: अच्छी खेती के साथ 15-20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
मूंगफली की खेती किसानों के लिए लाभकारी होती है, क्योंकि इससे तेल, प्रोटीन और अन्य उत्पाद प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, मूंगफली की भूसी और पत्तियां पशुओं के चारे के रूप में भी उपयोगी होती हैं।